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दीर्घा
प्रकाशन
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मंगलवार, 18 मई 2010
साईं स्तुति
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गुरुवार, 13 मई 2010
आखिर कब आएगी याद .............?
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डॉ.लाल रत्नाकर जब जब मैं साहस करता हूँ विरोध करू तब तब ओ आकर खड़ा होता अकड़कर पर उसने अपराध कराने सिखा दी कला अपराध ...
मंगलवार, 11 मई 2010
हाइकू
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डॉ.लाल्रात्नाकर
सोमवार, 10 मई 2010
हाइकू
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डॉ. लाल रत्नाकर उनकी दशा देखते ही बनती छुपाते हुए . अपने कर्मों कुकर्मों पर शर्म तो आती ही नहीं . जीवन पर उनका हक होता...
हाइकू
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सर्व समाज का नारा देकर वो लूटा किसको . कहते तो है विश्वास करो मेरा पर कितना . जब उनका विश्वास किया तब तो धोखा खाया . ...
गुरुवार, 29 अप्रैल 2010
आदमी
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तुम्हारी दशा
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डॉ.लाल रत्नाकर नयी दुनिया पुरानी दुनिया से सुरक्षित है कह सकते हो तो कह दो पर इतना सच कह सकने का माद्दा है तुममे तो क...
गुरुवार, 15 अप्रैल 2010
दौलत के अरमां...
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Mera Sapana
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शुक्रवार, 9 अप्रैल 2010
बेईमान की, सूरत देखी आप, दिखता नहीं
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डॉ.लाल रत्नाकर सुन्दर घर मन सुन्दर तो हो मत चुसो खूं खाना खाकर धोखा नहीं करते नमक खाया किसका रक्त चूसा तुमने जब उन सबका गरीब ह...
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