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दीर्घा
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शुक्रवार, 27 सितंबर 2019
इंशा कौन है!
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कौन है हिंदू कौन मुसलमान इंशा कौन है! भक्त जनों के सुर तो मधुर है मन हैं काले! देश जाति का अभिमान नहीं है केवल...
सही चुनाव अगर हुआ होता
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चलो माना कि तुम्हें हमने चुना किसके लिए। तुमने हद पार कर दी क्यों उसके लिए। सही चुनाव अगर हुआ होता तो कैसे आते। ...
शुक्रवार, 23 फ़रवरी 2018
यह रचनाएँ पोस्टर के रूप में लगा रहा हूँ !
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शुक्रवार, 25 दिसंबर 2015
पतनी जैसी : हमारे हाल जानकर करोगे उपहास ही
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हमारे हाल जानकर करोगे उपहास ही ************** चमन कैसा जहाँ बियाबान हो मरघट सा ************** वतन ऐसा जहाँ सम्मान भी हो अपमान सा ...
गुरुवार, 3 दिसंबर 2015
फ़ुर्सत
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इन्हें फुर्सत कहाँ रहती होगी नफासत से। सिरफिरे वे तमाम लोग नहीं लगते होंगे। जितना हम उन्हें कसक देते तने होते हैं । ...
बुधवार, 2 दिसंबर 2015
तिकड़म
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चलो देखें तो उसके दफ़्तर में क्या है वहॉ तिकड़मों का इंतज़ाम करके फँसा रहा हो कौन है वह पहचाना उसने कब तुमको! तभी ...
काले दिन !
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ये काले दिन भी बितेंगे आख़िर में कब तक ! जब तक हैं ये सत्ता के सावन मेरे मन में ! नहीं चैन है मन को तब तक याद करोगे ! ...
मंगलवार, 25 नवंबर 2014
दुश्वारियों का आना जाना लगा है
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दुश्वारियों का आना जाना लगा है करीबियों से ! घरबार या अपनों पारायों से किससे कहूँ ! नाराजियों से बचने में माहिर हमारे साथी ! कभी भी साथ नि...
रविवार, 9 नवंबर 2014
उनके लिए
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उनका आना खुशियों से भरना घर आँगन श्रृंगार रूपी लताओं की तरह फैलते जाना गुपचुप रहना अपनापन सहना हृदयांगी का समग्र...
गुरुवार, 5 दिसंबर 2013
हमारे हितैषी
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डॉ.लाल रत्नाकर वे हमारे हैं हितैषी मैं उनके काम आता हूँ आपने क्या ऐसे हितैषी देखे जो चाटते हों नहीं उनका को...
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