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मंगलवार, 10 जून 2025
भामाशाह है तानाशाह तो नहीं तानाशाह है।
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भामाशाह है तानाशाह तो नहीं तानाशाह है। कौन कहता अब ऐसा नहीं है मानो न मानो। तानाशाह है तानाशाही करेगा डरेगा लोक। तुम डरोगे कौन कह रहा ह...
शुक्रवार, 6 जून 2025
इबादत है तमाम संघर्ष के कद्रदानों से।
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इबादत है तमाम संघर्ष के कद्रदानों से। नसीहत है सांप की तरह जो आस्तीन धरे। बुद्धिमानों की मंडली में हाजिरी जरूरी नहीं। मजबूरी हो जरूरी ...
मजमून भी तुम्हारा ही था अब उतर गया।
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मजमून भी तुम्हारा ही था अब उतर गया। सवाल जो थे जवाब उनका है उनके पास। मानो ना मानो जानो तुम्हारी मर्जी कर दिया है। जो करना था उसके ह...
गुरुवार, 5 जून 2025
संघी, कांग्रेसी सपा, बसपा, जद सबका साथ।
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संघी, कांग्रेसी सपा, बसपा, जद सबका साथ। कम्युनिस्टों की संघ में है क्या ठाट गिरोह सब। निरपेक्षता इनके लिए नहीं है उपदेश। गठजोड़ का काम निक...
गुरुवार, 29 मई 2025
नफरत से सराबोर है वह खरीद पर।
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नफरत से सराबोर है वह खरीद पर। पता नहीं है न उनको न उन्हें जो बिक गए। सवाल मेरा जिन्हें अच्छा लगता जवाब नहीं। उनके पास जो विचार हैं वह...
रंग बाजार कैसा व्यवहार है आज सवाल।
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रंग बाजार कैसा व्यवहार है आज सवाल। कैसा कमाल सिंदूर का सवाल कहां से आया। आतंकी कहां कौन कौन आया था किसको पता। व्यावसायिक कारोबार किसका क...
बुधवार, 28 मई 2025
1. ये देश मेरा , 2.संविधान को , 3.प्रगति का हो
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1 ये देश मेरा सपनों से प्यारा है देश अपना। हिंदू मुस्लिम सिख इसाई बौद्ध है भाई भाई। पाखंडियों की धूर्त फौज कहां से मन को भाई। तू ...
मंगलवार, 27 मई 2025
तुम्हें भी पकड़ेंगे
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उन्हें पकड़ा तुम्हें भी पकड़ेंगे इंतजार है। समय कैसा अंधाधुंध अंधेरा नजर आया। जिन्हें नजारे दिखाई दे रहे हैं बरबादी में। जनगणना अनु...
शुद्ध सिंदूर
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सिंदूर शुद्ध अशुद्ध विचार था रक्त सिंदूर। जगह नहीं बची कहीं इज्जत है क्या अपनी। ऐसा कहना कितना है जायज इस दौर में। यह मुद्दा है कितना...
गुरुवार, 8 मई 2025
अब हो गया। आंखें फोड़कर जो समाज अंधा।
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अब हो गया आंखें फोड़कर जो समाज अंधा। वो कल तक निगहबां होता था हिफाजत का। क्रूर ठगों ने घेरकर हौसला जिसका तोड़ा। भरोसा किया जिसका धोखाधड़ी...
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