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परिचय
दीर्घा
प्रकाशन
शनिवार, 28 अगस्त 2010
पहले वाली
डॉ.लाल रत्नाकर
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उखाड़ने की
पूरी कोशिश कर
कुछ तो होगा
नहीं अब मै
इतना आगे बढ़
नहीं लौटूंगा .
लौटने की ही
जरूरत हुई तो
लौटूंगा पर .
गाँव नहीं मै
ससुराल लौटूंगा
पहले वाली .
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