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मंगलवार, 14 सितंबर 2010
जब इमान नहीं होता
डॉ.लाल रत्नाक
र
जो साथ नहीं
वो घात लगाते है,
इन्सान बनाते.
या बेईमान
बनाते है
जो भी हो,
जब इमान
नहीं होता है
इन्सान नहीं होता
बेईमान है .
चित्र-डॉ.लाल रत्नाकर ,संग्रह -सी.सी.एम्.बी.हैदराबाद
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