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दीर्घा
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गुरुवार, 5 दिसंबर 2013
साथ दिखना
साथ दिखना
और बात है पर
साथ होना भी
आपका होना
और बात है पर
न होना साथ
उनके साथ
कहाँ थे वे गलत
अपने साथ
उन सबने
सब कुछ जितना
उतना नहीं
@ डा लाल रत्नाकर
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