पेज
(यहां ले जाएं ...)
मुखपृष्ठ
परिचय
दीर्घा
प्रकाशन
▼
शुक्रवार, 21 फ़रवरी 2025
दौरे जाहिल का यह समय है पद कोई हो।
आईए यहां
संसद के बाहर
फुटपाथ पे।
सभ्यता खड़ी
इंतजार करी है
जुमलेबाजी।
करो आप भी
अपने जीवन में
मौका भी तो है।
अवसर की
आपदा में जरूर
लाभ लेना है।
दौरे जाहिल
का यह समय है
पद कोई हो।
डॉ.लाल रत्नाकर
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
‹
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें