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गुरुवार, 20 मार्च 2025
दिवानगी है अगर दिल में ही मोहब्बत है।
दिवानगी है
अगर दिल में ही
मोहब्बत है।
चलो निकलो
सितम सहकर
खिलाफत में।
दुश्मन देश
आ गया भीतर ही
उनके लिए।
जिसको माना
भगवान लाया है
तुम्हारे लिए।
निकलो और
आलस्य त्यागकर
देश बचाने।
डॉ लाल रत्नाकर
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