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दीर्घा
प्रकाशन
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मंगलवार, 14 सितंबर 2010
जब इमान नहीं होता
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डॉ.लाल रत्नाक र जो साथ नहीं वो घात लगाते है, इन्सान बनाते. या बेईमान बनाते है जो भी हो, जब इमान नहीं होता है इन्सान नहीं होता बेईमा...
बुधवार, 8 सितंबर 2010
जो हाथ नहीं देते संकट में
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डॉ.लाल रत्नाकर साथी निभाने तो पड़ते है साथ बेईमानों के . साथी दिखाने तो पड़ते है हाथ बेईमानों को . साथी साथ न हो उनके जो स...
शनिवार, 28 अगस्त 2010
पहले वाली
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डॉ.लाल रत्नाकर ---------------------------- उखाड़ने की पूरी कोशिश कर कुछ तो होगा नहीं अब मै इतना आगे बढ़ नहीं लौटूंगा . ...
मंगलवार, 6 जुलाई 2010
हुसेन के लिए अच्छा मौका !
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गुरुवार, 1 जुलाई 2010
मुझे लेना है हिसाब तुमसे भी
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डॉ.लाल रत्नाकर गर्मी की आड़ बरसती है आग पियास नहीं . लगता हर रोज रोज बाज़ार बिकता कौन . इज्जत तेरी बाज़ार में उछाला अ...
शुक्रवार, 4 जून 2010
आदमी रूप में विषधर ..................
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डॉ.लाल रत्नाकर हज़ार लम्हे, तुम्हे मुबारक हो, हमारे साथी . तुम्हारी यादें , हमारे दुःख की है, आधारशिला . तुम्हारा छल, और बल ...
मंगलवार, 18 मई 2010
साईं स्तुति
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गुरुवार, 13 मई 2010
आखिर कब आएगी याद .............?
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डॉ.लाल रत्नाकर जब जब मैं साहस करता हूँ विरोध करू तब तब ओ आकर खड़ा होता अकड़कर पर उसने अपराध कराने सिखा दी कला अपराध ...
मंगलवार, 11 मई 2010
हाइकू
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डॉ.लाल्रात्नाकर
सोमवार, 10 मई 2010
हाइकू
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डॉ. लाल रत्नाकर उनकी दशा देखते ही बनती छुपाते हुए . अपने कर्मों कुकर्मों पर शर्म तो आती ही नहीं . जीवन पर उनका हक होता...
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