रविवार, 9 नवंबर 2014
गुरुवार, 5 दिसंबर 2013
मंगलवार, 10 अप्रैल 2012
शनिवार, 25 जून 2011
शनिवार, 18 जून 2011
प्रसव को ही होने नहीं देते हैं
डॉ.लाल रत्नाकर
आदमी और
आदमी की खुशबू
किसको पता
स्वार्थ उनका
और अपनों का भी
मूल्य कितना
मूल्य उनका
लगाओ और और
पुत्र हुआ है
बेटी का जन्म
शोक क्यों न हो जाये
दहेज़ लोभी
जन्म बेटे का
बरदान जैसा है
इस देश में
लड़की न हो
कभी नहीं चाहता
दहेज़ बंदी
आंकड़े कहाँ
एकत्रित करोगे
सही सही ओ
हरियाणा में
कम हैं लड़कियाँ
हैं गर्भ में ही ..
प्रसव को ही
होने नहीं देते हैं
जो चालाक हैं
सोमवार, 24 जनवरी 2011
रविवार, 23 जनवरी 2011
शुक्रवार, 31 दिसंबर 2010
मंगलवार, 16 नवंबर 2010
कौन साहब
डॉ.लाल रत्नाकर
यह आदमी आदमी जैसा नहीं
साहब होगा.
इसका हाल
बदहाल नहीं तो
बेहूदा जैसा .
नहीं नहीं है
यह बदमाश सा
कोई साहब.
कौन साहब
ऐसा साहब तेरा
नहीं सबका.
कैसे किसका
नहीं भ्रष्टाचारी है
ये अपराधी .
कैसे किसका
साहब है यह बे
बेहूदा साब
प्रिंसिपल सा
प्रिंसिपल साहब
जी यही साब .
सदस्यता लें
संदेश (Atom)