इन्हें फुर्सत
कहाँ रहती होगी
नफासत से।
सिरफिरे वे
तमाम लोग नहीं
लगते होंगे।
जितना हम
उन्हें कसक देते
तने होते हैं ।
नसीहत के
काबिल कहाँ है वे
उदारमना ।
तलब हमें
उनकी लगती तो
कहाँ खोजते ।
@ डॉ.लाल रत्नाकर
चलो देखें तो
उसके दफ़्तर में
क्या है वहॉ
तिकड़मों का
इंतज़ाम करके
फँसा रहा हो
कौन है वह
पहचाना उसने
कब तुमको!
तभी तो वहॉ
मुक्कमल तमाशा
ही हो रहा है
फिर भी मानो
ज़हमत ग़ज़ब
की हो गयी है!
@ डॉ लाल रत्नाकर
@ डा लाल रत्नाकर
ये काले दिन
भी बितेंगे आख़िर
में कब तक !
जब तक हैं
ये सत्ता के सावन
मेरे मन में !
नहीं चैन है
मन को तब तक
याद करोगे !
भूल गये है
भाव हमारे मन
उपवन में !
धन दौलत
सब यहीं रहेगी
जड़ता मन !
@ डा लाल रत्नाकर
दुश्वारियों का
करीबियों से !
घरबार या
अपनों पारायों से
किससे कहूँ !
नाराजियों से
बचने में माहिर
हमारे साथी !
कभी भी साथ
निभाते तो भी सही
अपनों से ही !
मखौल नहीं
सच्चाइयाँ ही होंगी
उनकी सही !
@ डा लाल रत्नाकर
उनका आना
खुशियों से भरना
घर आँगन
श्रृंगार रूपी
लताओं की तरह
फैलते जाना
गुपचुप रहना
अपनापन सहना
हृदयांगी का
समग्रता की
चाहना को रखना
उनका गुण
इसे कहते
अपनापन मेरा
उनके लिए
@ डा लाल रत्नाकर
डॉ.लाल रत्नाकर
वे हमारे हैं
हितैषी मैं उनके
काम आता हूँ
आपने क्या
ऐसे हितैषी देखे
जो चाटते हों
नहीं उनका
कोई दोष नहीं है
होश नहीं है
अब तक तो
सब ठीक लेकिन
आगे क्या है
साथ दिखना
और बात है पर
साथ होना भी
आपका होना
और बात है पर
न होना साथ
उनके साथ
कहाँ थे वे गलत
अपने साथ
उन सबने
सब कुछ जितना
उतना नहीं
@ डा लाल रत्नाकर
(मेरे हाइकू सामाजिक सरोकारों पर आधारित हैं)
अजीब हाल
उनका विभाग में
भागे रहते .
डरते नहीं
ऐसा दिखावा तो है
दिखते नहीं.
'भुइहार' हैं
हमेशा हारते हैं
हर बार ही.
कहते तो है
सुधर गए हैं वे
लगता नहीं .
इन्हें जागीर
मिली है मानते हैं
तिकड़म से .
डॉ.लाल रत्नाकर
न जाने कब
आएगा वह दिन
भरेगा पेट .
उद्यमियों का
कारोबार चलेगा
तिकड़म से
यह मत लें
वह मत लें नहीं
उत्पाद कैसे
होगा साथियों
सब्र फैक्ट्रियां भला
कैसे करेंगी
क्योंकि आदमी
को सब्र नहीं होता
जो मशीनें हैं
भला इस दौर में
सब्र इतना
डॉ.लाल रत्नाकर
आदमी और
आदमी की खुशबू
किसको पता
स्वार्थ उनका
और अपनों का भी
मूल्य कितना
मूल्य उनका
लगाओ और और
पुत्र हुआ है
बेटी का जन्म
शोक क्यों न हो जाये
दहेज़ लोभी
जन्म बेटे का
बरदान जैसा है
इस देश में
लड़की न हो
कभी नहीं चाहता
दहेज़ बंदी
आंकड़े कहाँ
एकत्रित करोगे
सही सही ओ
हरियाणा में
कम हैं लड़कियाँ
हैं गर्भ में ही ..
प्रसव को ही
होने नहीं देते हैं
जो चालाक हैं