लानत जब
तुम पर लगे तो
धार्मिक होना।
अंधी जनता
भक्त तो हो जाएगी
उसकी बेटी?
कहीं नजर
उसकी बेटी आती
समारोह में।
मंगल वन
बना रहे हो तुम
पूंजीपतियों।
उस जनता
मेहनत की थाती
लूटकर ही।
चलता रहे
साम्राज्य तुम्हारा तो
लूटता रहे।
- डॉ लाल रत्नाकर
डॉ लाल रत्नाकर
जागेगा कब
कुर्मी समाज अब
दारोमदार!
मंडल का है
कमंडल का भी है
परिवर्तन।
जमीन नहीं
जमीर का सवाल
सामने अब।
समाजहित
भाड़ में चला जाए
सत्ता के लिए।
डॉ.लाल रत्नाकर