शुक्रवार, 7 मार्च 2025

कितना बौना तुम्हारी सुरक्षा ने कर दिया है।



कितना बौना 
तुम्हारी सुरक्षा ने
कर दिया है।

सबका साथ 
सत्यानाश जिनका 
साथ नहीं है। 

बकवास भी 
अच्छी लगती जब 
मरे जमीर।

आसान नहीं 
सिंहासन रहना
छीन कर के।

चले जा रहे 
कौन-कौन आज ही
वह क्यों बता। 

सुनाओ हाल 
उस सौदागर का 
जो नकली है। 

बात असली 
करता तो है पर 
असलियत ?

तुम्हारी कहूं 
या तो उसकी कहूं 
कहूं किसकी।
 
छोड़ गया है 
हरा भरा खेत भी 
नवनिहाल।

सब्र हो जाता 
यदि वह मरता
जो मार रहा।

-डॉ लाल रत्नाकर

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