चतुराई करता
पता चलता !
काम तुम्हारा
चालाकी का सबको
पता चलता !
नहीं भरोसा
कोई करता तेरा
कैसे कर लू!
मनसूबे को
होगा तोड़ना तेरा
हर हालात !
डॉ लाल रत्नाकर
डॉ लाल रत्नाकर
जागेगा कब
कुर्मी समाज अब
दारोमदार!
मंडल का है
कमंडल का भी है
परिवर्तन।
जमीन नहीं
जमीर का सवाल
सामने अब।
समाजहित
भाड़ में चला जाए
सत्ता के लिए।
डॉ.लाल रत्नाकर