मंगलवार, 10 अप्रैल 2012
शनिवार, 25 जून 2011
शनिवार, 18 जून 2011
प्रसव को ही होने नहीं देते हैं
डॉ.लाल रत्नाकर
आदमी और
आदमी की खुशबू
किसको पता
स्वार्थ उनका
और अपनों का भी
मूल्य कितना
मूल्य उनका
लगाओ और और
पुत्र हुआ है
बेटी का जन्म
शोक क्यों न हो जाये
दहेज़ लोभी
जन्म बेटे का
बरदान जैसा है
इस देश में
लड़की न हो
कभी नहीं चाहता
दहेज़ बंदी
आंकड़े कहाँ
एकत्रित करोगे
सही सही ओ
हरियाणा में
कम हैं लड़कियाँ
हैं गर्भ में ही ..
प्रसव को ही
होने नहीं देते हैं
जो चालाक हैं
सोमवार, 24 जनवरी 2011
रविवार, 23 जनवरी 2011
शुक्रवार, 31 दिसंबर 2010
मंगलवार, 16 नवंबर 2010
कौन साहब
डॉ.लाल रत्नाकर
यह आदमी आदमी जैसा नहीं
साहब होगा.
इसका हाल
बदहाल नहीं तो
बेहूदा जैसा .
नहीं नहीं है
यह बदमाश सा
कोई साहब.
कौन साहब
ऐसा साहब तेरा
नहीं सबका.
कैसे किसका
नहीं भ्रष्टाचारी है
ये अपराधी .
कैसे किसका
साहब है यह बे
बेहूदा साब
प्रिंसिपल सा
प्रिंसिपल साहब
जी यही साब .
रविवार, 10 अक्टूबर 2010
उत्साह की उम्मीद
डॉ.लाल रत्नाकर
ये देश मेरा
उनका या सबका
मुर्दे का नहीं.
जरुरत है
अधिकारों को जानो
हड़पो मत .
हड़पने की
आदत ने किया है
सत्यानाश ही.
पर जाहिल
को जहालियत से
बचाए कौन.
निराशा से न
बनती है हमारी
सेहत कभी .
सेहत बनी
उत्साह की उम्मीद
के ही चलते .
-----------------
इस तरह सताया है, परेशान किया है
गोया कि मुहब्बत नहीं एहसान किया है .
- अफजल फिरदौस
ये देश मेरा
उनका या सबका
मुर्दे का नहीं.
जरुरत है
अधिकारों को जानो
हड़पो मत .
हड़पने की
आदत ने किया है
सत्यानाश ही.
पर जाहिल
को जहालियत से
बचाए कौन.
निराशा से न
बनती है हमारी
सेहत कभी .
सेहत बनी
उत्साह की उम्मीद
के ही चलते .
-----------------
इस तरह सताया है, परेशान किया है
गोया कि मुहब्बत नहीं एहसान किया है .
- अफजल फिरदौस
----------------
हमको तो गर्दिश-ए-हालात पे रोना आया
रोने वाले तुझे किस बात पे रोना आया
- सैफुद्दीन सैफ
रोने वाले तुझे किस बात पे रोना आया
- सैफुद्दीन सैफ
रविवार, 3 अक्टूबर 2010
कामनवेल्थ .
डॉ.लाल रत्नाकर
सुबह ५ पै
टीवी खोला चैनल
आस्था लगाया .
बाबा जी बोल
रहे थे खेलों पर
कामनवेल्थ .
गुलाम देश
खेलेंगे खेल कैसा
रानी की लूट.
जिमने और
जीभर जिमाने की
७० हज़ार .
कारोनों लूटो
महारानी के गाओ
गीत खेल में .
गुलाम बनो
लूटो देश और वो
दौलत जिसे .
शिक्षा बढ़ाते
विश्वविद्यालय में
लगाते पर .
कलमाड़ी के
कलमाड़ी के
कारनामें महान
देश वासियों .
देश वासियों
करो गुमान वह
रानी नहीं है .
महारानी की
तरह देश पर
वह काबिज .
राष्ट्रभक्तों की
कहानी समझ से
बहुत दूर .
ई अनहोनी
घटना होगी यदि
खेल खेल में .
मंगलवार, 14 सितंबर 2010
जब इमान नहीं होता
डॉ.लाल रत्नाकर
जो साथ नहीं
वो घात लगाते है,
इन्सान बनाते.
या बेईमान
बनाते है जो भी हो,
जब इमान
नहीं होता है
इन्सान नहीं होता
बेईमान है .
![]() |
चित्र-डॉ.लाल रत्नाकर ,संग्रह -सी.सी.एम्.बी.हैदराबाद | |
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