बुधवार, 19 मार्च 2025

दंगाई देखा श्वेत वस्त्र में सत्ता पर काबिज।

 



दंगाई देखा 
श्वेत वस्त्र में सत्ता 
पर काबिज।

फैलाता वह
जन-जन तक जो 
नफरत है।

शांति व्यवस्था 
का जो जिम्मेदार है 
वही करता। 

विश्वास नहीं 
शपथ लेकर के
संविधान की।

कसम ले ले
या गंगा में खड़ा हो 
नंगा होकर। 

कैसा इंसान 
फिर राक्षस कौन 
कौन दंगाई। 

                                                                    -डॉ लाल रत्नाकर

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