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दीर्घा
प्रकाशन
शनिवार, 23 अगस्त 2025
मन महके जग जड़ता भूत आलिंगन से ।
मन महके
जग जड़ता भूत
आलिंगन से ।
परिभाषित
करते अनुचित
विचार अब।
कारागार में
जन्मदिन मनाने
कौन गया था।
किसके साथ
दुनिया चली आई
दर्शनार्थियों!
शातिर लोग
बहुत सी चालाकी
बरतते हैं !
डॉ लाल रत्नाकर
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