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दीर्घा
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रविवार, 24 अगस्त 2025
गधे नहीं है घोड़े हैं दिखते हैं गधे समान !
गधे नहीं है
घोड़े हैं दिखते हैं
गधे समान !
तस्वीर शौक
नक़ली सूरत है
समझदार !
दुनिया भर
में घूमा हुआ हूँ मैं 
चोरी करके ।
वोट की नहीं
नोट की भी कितनी
गिनती नहीं !
भ्रम उनका
श्रम मेरा कितना
किसको पता ?
डॉ लाल रत्नाकर
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