रविवार, 15 जून 2025

समय साथ आस पास जिसके गुजारता हो।

 


समय साथ 
आस पास जिसके 
गुजारता हो।

वह करीब 
कितना गरीब है 
पता चलता। 

नसीब मेरा 
करीब उसके था
यदि जानता।

समय मिला
तब कर गुजरा 
काम तमाम।

बहुत दूर 
निकल जाना जब 
करीब आना।

-रत्नाकर

शनिवार, 14 जून 2025

समय बोल सच सच के बोल निडर बन।

 

समय बोल 
सच सच के बोल 
निडर बन। 

खड़ा रहता 
सूखा हुआ वृक्ष भी
आंधियों तक।

डगमग में 
हंसी होगी जग में 
संभलकर। 

उड़ाना मत 
अपनी ताकत को
चमत्कार में।

अंधविश्वास
पाखंड मत कर
डरकर भी।

-डॉ लाल रत्नाकर

समय साथ आस पास जिसके गुजारता हो।



समय साथ 
आस पास जिसके 
गुजारता हो।

वह करीब 
कितना गरीब है 
पता चलता। 

नसीब मेरा 
करीब उसके था
यदि जानता।

समय मिला
तब कर गुजरा 
काम तमाम।

बहुत दूर 
निकल जाना जब 
करीब आना।

-रत्नाकर

कोई भक्त हो समझ में आता है धूर्त नहीं हो।

 


कोई भक्त हो
समझ में आता है 
धूर्त नहीं हो।

संभव नहीं 
असंभव काम है
उसको नहीं।

जोड़ गांठ भी
कर सकता वह
अपने हित ।

दुनिया भर 
अपयश गठरी 
ढोता जाता है।

कभी किसी को 
चोर उचक्का बोले
सोने से तोले।

-रत्नाकर

मंगलवार, 10 जून 2025

विरसा मुंडा नमन आपको सदा संघर्ष मूर्ति ।



विरसा मुंडा 
नमन आपको सदा 
संघर्ष मूर्ति ।

जागो जागो वे
सोए हुए वंशज 
संघर्ष करो। 

वह साहस 
कैसे मर गया है 
भीतर तेरे।

यह दिन है 
यादगार का ताज 
उसे पहनो।

समय नहीं 
होता कोई संघर्ष 
आरंभ करो। 

-विनम्र श्रद्धांजलि, सादर नमन 
- डॉ लाल रत्नाकर
 

भामाशाह है तानाशाह तो नहीं तानाशाह है।



भामाशाह है 
तानाशाह तो नहीं 
तानाशाह है।

कौन कहता 
अब ऐसा नहीं है 
मानो न मानो।

तानाशाह है 
तानाशाही करेगा
डरेगा लोक।

तुम डरोगे
कौन कह रहा है 
तानाशाह से।

मरोगे तुम 
संविधान मारेगा 
तानाशाह को।

-डॉ लाल रत्नाकर
 

शुक्रवार, 6 जून 2025

इबादत है तमाम संघर्ष के कद्रदानों से।



इबादत है 
तमाम संघर्ष के
कद्रदानों से।

नसीहत है 
सांप की तरह जो 
आस्तीन धरे।

बुद्धिमानों की 
मंडली में हाजिरी 
जरूरी नहीं। 

मजबूरी हो
जरूरी नहीं दोस्ती 
दोस्ती के मध्य।

दुश्मनी ना हो 
यह अच्छी बात है 
कितना बुरा।

-डॉ लाल रत्नाकर

मजमून भी तुम्हारा ही था अब उतर गया।


 
मजमून भी
तुम्हारा ही था अब 
उतर गया।

सवाल जो थे 
जवाब उनका है 
उनके पास।

मानो ना मानो 
जानो तुम्हारी मर्जी 
कर दिया है।

जो करना था 
उसके हिसाब से
वो नहीं किया।

तोड़ मरोड़ 
मेरा स्वभाव जानो
जिद ना कर।

डॉ लाल रत्नाकर

गुरुवार, 5 जून 2025

संघी, कांग्रेसी सपा, बसपा, जद सबका साथ।


संघी, कांग्रेसी
सपा, बसपा, जद
सबका साथ।

कम्युनिस्टों की 
संघ में है क्या ठाट
गिरोह सब।

निरपेक्षता
इनके लिए नहीं 
है उपदेश।

गठजोड़ का
काम निकालना है
जो अभिप्राय ।

धन दौलत 
आती रहे हो जाये 
अन्याय भले।

- डॉ लाल रत्नाकर

गुरुवार, 29 मई 2025

नफरत से सराबोर है वह खरीद पर।

 


नफरत से
सराबोर है वह
खरीद पर।

पता नहीं है 
न उनको न उन्हें 
जो बिक गए।

सवाल मेरा
जिन्हें अच्छा लगता 
जवाब नहीं।
 
उनके पास
जो विचार हैं वह 
किसके लिए। 

कौन बताए
हालात अपना ही 
जब उसका। 

डॉ लाल रत्नाकर