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परिचय
दीर्घा
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गुरुवार, 29 मई 2025
नफरत से सराबोर है वह खरीद पर।
नफरत से
सराबोर है वह
खरीद पर।
पता नहीं है
न उनको न उन्हें
जो बिक गए।
सवाल मेरा
जिन्हें अच्छा लगता
जवाब नहीं।
उनके पास
जो विचार हैं वह
किसके लिए।
कौन बताए
हालात अपना ही
जब उसका।
डॉ लाल रत्नाकर
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