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दीर्घा
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शुक्रवार, 6 जून 2025
मजमून भी तुम्हारा ही था अब उतर गया।
मजमून भी
तुम्हारा ही था अब
उतर गया।
सवाल जो थे
जवाब उनका है
उनके पास।
मानो ना मानो
जानो तुम्हारी मर्जी
कर दिया है।
जो करना था
उसके हिसाब से
वो नहीं किया।
तोड़ मरोड़
मेरा स्वभाव जानो
जिद ना कर।
डॉ लाल रत्नाकर
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