सोमवार, 31 मार्च 2025

सीबीआई है, ईडी और आईटी, लेकर आई।


सीबीआई है
ईडी और आईटी 
लेकर आई। 

अफसर हैं
क्या भाजपा ले आई
देखें जनता।

इण्डिया संघ
गठबंधन लेकर
लड़ना होगा।

किससे वह
खड़ा रहेगा वह
अबकी बार।

किसकी पारी
कितनी भारतीय
या है धार्मिक।

-डॉ लाल रत्नाकर

रविवार, 23 मार्च 2025

शहीदी यादें मुश्किल हो जाती हैं दुश्मन घुसा।

 

शहीदी यादें
मुश्किल हो जाती हैं 
दुश्मन घुसा।

प्रेरणादायी
जिनका जीवन है 
हमारे लिए।

याद उनकी 
मत दिला कभी भी
ठगी उसकी।

नहीं समझा 
गौरव खोता गया
अहंकार में।

भक्त हैं यहां 
कर रहे हैं वह
शंखनाद ही।

(2) 

वर्तमान में 
निवर्तमान वह
मौके मौके पे।

तन की बात 
किसकी करता है
रोज रोज ही।

धर पकड़ 
करता कराता है 
सच कहता।

जो नहीं भाता 
जब साथ आ जाता 
खूब भाता है।

अयोग्यता पे
खूब हंसता वह 
अपनी छोड़।

डॉ लाल रत्नाकर

प्रगति का हो प्रतिमान उनका मनोरंजन।


प्रगति का हो
प्रतिमान उनका
मनोरंजन।

व्यक्ति कितना 
ही भला हो सकता 
पहले जान।

भगवान भी
मिल जाए तुमको 
यदि कहीं पे।

लो परीक्षण 
संतवत संज्ञान 
जान उनका।

मनका ना हो 
विचलन कहीं से 
सच जान लो।

-डॉ लाल रत्नाकर

समय साथ देता अगर मेरा इतना बड़ा।

समय साथ
देता अगर मेरा
इतना बड़ा।

शिष्यत्व होता
कुटुंब ज्ञान का ही
नए विधान।

हम रचते
युग ऐतिहासिक
गढ़ते ऐसा।

रोजगार के
स्वार्थ चढ़ा यौवन
क्रिएशन का।

नहीं कोई है
युग निर्माता अब
सब हो भक्त।

डॉ.लाल रत्नाकर

गुरुवार, 20 मार्च 2025

अनवरत जो जहरीला पदार्थ बनाता जाता।


अनवरत जो
जहरीला पदार्थ 
बनाता जाता।

जमीन जल
माटी ताप गगन
अभिमान से।

सम्मान बेचा
जमीर जमीन भी
मान इमान।

नहीं भरोसा 
उनके प्रति कोई 
किसी को नहीं।

नाता मुझसे 
उसका कहना है 
बेईमान हो।

-डॉ लाल रत्नाकर 

अस्पताल में रोगियों की भीड़ है डाक्टर कहां।


अस्पताल में 
रोगियों की भीड़ है 
डाक्टर कहां।

बिमार कौन
कौन कौन स्वस्थ्य 
संख्या कितनी।

कोई आंकड़ा 
नहीं मिलता रोगी
कौन बताए।

यह सवाल 
जुबां जुबां पर है
जवाब नहीं।

सबका साथ 
सबका स्वास्थ्य कहां
दिखाई दिया।

डॉ लाल रत्नाकर 


दिवानगी है अगर दिल में ही मोहब्बत है।


 दिवानगी है 
अगर दिल में ही
मोहब्बत है।

चलो निकलो
सितम सहकर
खिलाफत में।

दुश्मन देश 
आ गया भीतर ही 
उनके लिए।

जिसको माना
भगवान लाया है 
तुम्हारे लिए।

निकलो और 
आलस्य त्यागकर 
देश बचाने।

डॉ लाल रत्नाकर

समय काल कलुषित विचार आया है कैसे।

 

समय काल
कलुषित विचार 
आया है कैसे।

ट्रंप मोदी का
गांव गांव में छाया
आतंक कैसै।

है निदान जो
उनका कौन करे
उपचार से।

अगुवाई में 
जिनके बदलाव 
समाजवादी।

कहां मिलेंगे
सुविधाएं ले लेंगे 
अपनों तक।

-डॉ लाल रत्नाकर

बुधवार, 19 मार्च 2025

दंगाई देखा श्वेत वस्त्र में सत्ता पर काबिज।

 



दंगाई देखा 
श्वेत वस्त्र में सत्ता 
पर काबिज।

फैलाता वह
जन-जन तक जो 
नफरत है।

शांति व्यवस्था 
का जो जिम्मेदार है 
वही करता। 

विश्वास नहीं 
शपथ लेकर के
संविधान की।

कसम ले ले
या गंगा में खड़ा हो 
नंगा होकर। 

कैसा इंसान 
फिर राक्षस कौन 
कौन दंगाई। 

                                                                    -डॉ लाल रत्नाकर

शनिवार, 15 मार्च 2025

सपना देखा


सपना देखा 
आज रात में मैंने 
नहीं भरोसा 

सफ़र में था
कई तरह के साथ 
मिला था रात।

वह परायी 
बहुत करीब थी
अपनों से भी।

ऐसे लोग हैं 
जो सपने में होते
वह कहां है।

यही धरा पे
बेचते सपनों को
राजा बनके।

- डॉ लाल रत्नाकर