गुरुवार, 24 अप्रैल 2025

दंगा कराना नफ़रत भरना जिसका काम !

दंगा कराना
नफ़रत भरना 
जिसका काम !

करता राम 
काटता जेब धर्म 
बता कर जो !

अधर्म यंत्र 
ही है जीवन मंत्र 
हजारो साल !

खाता है मुफ्त 
भूखों भक्तों से सदा 
खता किसकी !

ज़रा समझो 
तब दशा अपनी
अब समझो !  

डॉ. लाल रत्नाकर

सवाल कैसा किससे करना है पहले जानो !



सवाल कैसा 
किससे करना है 
पहले जानो !

बवाल कैसा 
किससे करना है 
पहले कहाँ !

सुधारने को 
उनको जो बिगणा 
अपने आप !

जिसका बाप 
बन गया है भक्त 
पहले उन्हें !

समय साथ 
लगाओ अब हाथ 
उनको आप !

डॉ. लाल रत्नाकर

संविधान को धता बताकर वो मनुवाद से।

 

संविधान को 
धता बताकर वो
मनुवाद से।

देश चलाता 
जुमले भी सुनाता
बहकाता है।

बाबा साहब 
इनको जानते थे 
तभी उन्होंने। 

संविधान में 
दी है व्यवस्था सारी
चालाकी पर। 

नहीं मानती 
बहुजन जनता 
संविधान को। 

-डॉ लाल रत्नाकर

बुधवार, 16 अप्रैल 2025

गुलामी जानो बहुजनों दलितों प्रतिनिधियों।




गुलामी जानो
बहुजनों दलितों 
प्रतिनिधियों।

बाबा साहब 
अधिकार दे गए 
हक के लिए।

हक कहां है 
कभी विचार किया 
मनुवाद में।
 
संविधान के 
साथ हो या खिलाफ 
मनुस्मृति के।

बुद्ध कबीर 
जगा गये है तुम्हें 
फिर सो गए। 

नफरत में 
उनके घूम रहे 
संघर्ष किया।

डॉ लाल रत्नाकर


मंगलवार, 8 अप्रैल 2025

तमस पर बहस कैसी होगी जुमले बाजी।


 
तमस पर
बहस कैसी होगी 
जुमले बाजी।

करते जाओ 
कौन रोक रहा है 
विनाश तक।

परोपकार 
शब्द तो अच्छा ही है 
पर किसका। 

वह औरत 
जमीर रखती है 
बताए कौन !

वह चाकर
परास्त करता है
तिकड़म से।

विकल्पहीन
वक्त रौंद रहा है 
प्रतिभाओं को।

वह डरता 
उससे  अब क्यों है 
विकल्प तो है!

-डॉ लाल रत्नाकर 

गुंडा युक्त है सत्ता दल महल विपक्षी दल ।


 
गुंडा युक्त है
सत्ता दल महल
विपक्षी दल ।

बना रहा है 
वह रेत महल
किसके लिए। 

कर विचार 
आज ही समाज की
गति क्या है? 

दोगला रूप 
राजा का जहां जहां 
समाज कैसा।
 
देख जरा तू
वर्तमान का रूप 
कैसी है धूप।

डॉ लाल रत्नाकर



आम आदमी आदमी से अलग खास कैसे हो।

 आम आदमी 
आदमी से अलग 
खास कैसे हो। 

कोई उपाय 
हो तो बताइए जरा
सुलभ हो तो। 

नहीं जानता 
किस खास आदमी 
की तलाश है। 

जो दगाबाज 
निकम्मा उचक्का हो 
मिला दीजिए। 

खुश होएगा 
अपने जैसा पाकर
वह इंसान। 

डॉ लाल रत्नाकर



रविवार, 6 अप्रैल 2025

तेरी नियत पता तो है सबको कितनी साफ़ !

 


तेरी नियत 
पता तो है सबको 
कितनी साफ़ !

अब तक है 
सबकी नज़रों में 
जग जाहिर !

कहते हो क्या 
करते रहो हो क्या 
सब जानते !

किसको बना 
बेवकूफ रहे हो 
हम सबको !

सब पता है 
तुम्हारी नियत से 
हमारे हाल !

- डॉ लाल रत्नाकर

हौसले हो तो हार नहीं होती है मनोबल से !

हौसले हो तो 
हार नहीं होती है 
मनोबल से !

बाहुबली हो 
बल के प्रकार को 
जानते हो क्या !

धैर्यबल ही 
कामयाब कराए 
कामना मेरी !

आत्मबल है 
अगर आप में भी 
कोशिस करो !

प्रतिरोधक 
पर्याप्त हो अगर 
संघर्ष करो !

- डॉ लाल रत्नाकर

शनिवार, 5 अप्रैल 2025

धर्म हमारा तुम्हारे बाप का है बाप से पूछो



धर्म हमारा 
तुम्हारे बाप का है 
बाप से पूछो !

जाती हमारी 
हमारे बाप की है 
तुम्हारा बाप !

श्रम हमारा 
तुम्हारा कैसे क्या है 
हड़पा हुआ !

हमारा हिस्सा 
तुम्हारा कैसे होगा 
क्या बताओगे !

क्या छुपाओगे 
कभी तो निकलेगा 
हक़ हमारा !

डॉ लाल रत्नाकर 

गुरुवार, 3 अप्रैल 2025

वह सुबह कब आएगी बता पता उसका।

 
वह सुबह 
कब आएगी बता
पता उसका।

जब अमन 
पहुंचेगा बस्ती में 
भारतीयों के। 

हर जाति के 
हर धर्म के घर 
सत्य संदेश।

बताये कौन
बुरी खबर वह
कब लाएगा।

काली रात की
सियाह तसबीर 
हटा पाएगा !

-डॉ लाल रत्नाकर

"आमतौर पर आज की व्यवस्था में जिस तरह के लोग आ गए हैं वह निश्चित रूप से हमेशा स्वभाव से गुंडा आचरण रखने वाले लोग हैं। उनसे आप किस तरह के आचरण की उम्मीद करते हैं यह विचारणीय है।
व्यवस्था के मामले में जिस तरह के लोग आगे आए हैं वह निश्चित रूप से अव्यवस्थित लोग हैं।
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