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परिचय
दीर्घा
प्रकाशन
रविवार, 6 अप्रैल 2025
तेरी नियत पता तो है सबको कितनी साफ़ !
तेरी नियत
पता तो है सबको
कितनी साफ़ !
अब तक है
सबकी नज़रों में
जग जाहिर !
कहते हो क्या
करते रहो हो क्या
सब जानते !
किसको बना
बेवकूफ रहे हो
हम सबको !
सब पता है
तुम्हारी नियत से
हमारे हाल !
- डॉ लाल रत्नाकर
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