तमस पर बहस कैसी होगी जुमले बाजी।
तमस पर
बहस कैसी होगी
जुमले बाजी।
करते जाओ
कौन रोक रहा है
विनाश तक।
परोपकार
शब्द तो अच्छा ही है
पर किसका।
वह औरत
जमीर रखती है
बताए कौन !
वह चाकर
परास्त करता है
तिकड़म से।
विकल्पहीन
वक्त रौंद रहा है
प्रतिभाओं को।
वह डरता
उससे अब क्यों है
विकल्प तो है!
-डॉ लाल रत्नाकर
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