रविवार, 23 मार्च 2025
गुरुवार, 20 मार्च 2025
अनवरत जो जहरीला पदार्थ बनाता जाता।
जमीन जल
माटी ताप गगन
अभिमान से।
सम्मान बेचा
जमीर जमीन भी
मान इमान।
नहीं भरोसा
उनके प्रति कोई
किसी को नहीं।
नाता मुझसे
उसका कहना है
बेईमान हो।
-डॉ लाल रत्नाकर
अस्पताल में रोगियों की भीड़ है डाक्टर कहां।
बिमार कौन
कौन कौन स्वस्थ्य
संख्या कितनी।
कोई आंकड़ा
नहीं मिलता रोगी
कौन बताए।
यह सवाल
जुबां जुबां पर है
जवाब नहीं।
सबका साथ
सबका स्वास्थ्य कहां
दिखाई दिया।
डॉ लाल रत्नाकर
दिवानगी है अगर दिल में ही मोहब्बत है।
चलो निकलो
सितम सहकर
खिलाफत में।
दुश्मन देश
आ गया भीतर ही
उनके लिए।
जिसको माना
भगवान लाया है
तुम्हारे लिए।
निकलो और
आलस्य त्यागकर
देश बचाने।
डॉ लाल रत्नाकर
समय काल कलुषित विचार आया है कैसे।
ट्रंप मोदी का
गांव गांव में छाया
आतंक कैसै।
है निदान जो
उनका कौन करे
उपचार से।
अगुवाई में
जिनके बदलाव
समाजवादी।
कहां मिलेंगे
सुविधाएं ले लेंगे
अपनों तक।
-डॉ लाल रत्नाकर
बुधवार, 19 मार्च 2025
शनिवार, 15 मार्च 2025
सपना देखा
सफ़र में था
कई तरह के साथ
मिला था रात।
वह परायी
बहुत करीब थी
अपनों से भी।
ऐसे लोग हैं
जो सपने में होते
वह कहां है।
यही धरा पे
बेचते सपनों को
राजा बनके।
- डॉ लाल रत्नाकर
समय मिला
भगवान को
मानो न मानो तुम
अधिकार है।
शिक्षा का हक
सबको करो विचार
यही आधार।
चलो बसाएं
गांव ऐसा सपना
होए साकार।
आग बबूला
होना नहीं दुश्मन
लगाए आग।
-डॉ लाल रत्नाकर
शुक्रवार, 14 मार्च 2025
चतरू तेरी चतुराई का हाल सुनाऊँ कैसे !
चतुराई करता
पता चलता !
काम तुम्हारा
चालाकी का सबको
पता चलता !
नहीं भरोसा
कोई करता तेरा
कैसे कर लू!
मनसूबे को
होगा तोड़ना तेरा
हर हालात !
डॉ लाल रत्नाकर
शनिवार, 8 मार्च 2025
आधी आबादी कितनी आजादी है विचार करो।
लानत जब
तुम पर लगे तो
धार्मिक होना।
अंधी जनता
भक्त तो हो जाएगी
उसकी बेटी?
कहीं नजर
उसकी बेटी आती
समारोह में।
मंगल वन
बना रहे हो तुम
पूंजीपतियों।
उस जनता
मेहनत की थाती
लूटकर ही।
चलता रहे
साम्राज्य तुम्हारा तो
लूटता रहे।
- डॉ लाल रत्नाकर
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