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दीर्घा
प्रकाशन
मंगलवार, 27 मई 2025
तुम्हें भी पकड़ेंगे
उन्हें पकड़ा
तुम्हें भी पकड़ेंगे
इंतजार है।
समय कैसा
अंधाधुंध अंधेरा
नजर आया।
जिन्हें नजारे
दिखाई दे रहे हैं
बरबादी में।
जनगणना
अनुपात उसका
किसको पता।
गिनती होगी
क्या ईमानदारी से
बताओ जरा!
-डा.लाल रत्नाकर
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