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दीर्घा
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सोमवार, 5 मई 2025
फूले महात्मा ऐसे ही नहीं हुए सत्य के साथ।
फूले महात्मा
ऐसे ही नहीं हुए
सत्य के साथ।
आज जरूरी
उतनी ही उनकी
विचारधारा!
नफरत के
इस दौर में वह
जरूरत है।
पाखंड और
अंधविश्वास हमें
हमारी पीढ़ी!
सत्य शोधक
बचा लेगा भीड़ को
भाग रही जो।
डॉ लाल रत्नाकर
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