धर्म हमारा
तुम्हारे बाप का है
बाप से पूछो !
तुम्हारे बाप का है
बाप से पूछो !
जाती हमारी
हमारे बाप की है
तुम्हारा बाप !
श्रम हमारा
तुम्हारा क्या क्या है
हड़पा हुआ !
हमारा हिस्सा
तुम्हारा कैसे होगा
क्या बताओगे !
क्या छुपाओगे
कभी तो निकलेगा
हक़ हमारा !
डॉ लाल रत्नाकर