कौन है हिंदू है कौन मुसलमान इंशा कौन है!
पेज
मुखपृष्ठ
परिचय
दीर्घा
प्रकाशन
गुरुवार, 13 फ़रवरी 2025
क्या वह गया भयभीत होकर डर गया है।
क्या वह गया
भयभीत होकर
डर गया है।
या व्यापार का
व्यभिचार उनका
खींच ले जाना।
मुमकिन है
मसले और भी हो
मन उनका।
चंचल तो हैं
अंकुश उनपर
कौन लगाए?
गरिमा वह
जो भी बनी हुई है
कौन बचाए।
मन मस्तिष्क
सब घिरा हुआ है
भीतर तक।
खुलकर तो
वह नहीं बोलता
बीच हमारे !
डॉ. लाल रत्नाकर
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें