पेज
मुखपृष्ठ
परिचय
दीर्घा
प्रकाशन
रविवार, 16 फ़रवरी 2025
संत वासंती रंग बिरंगा वेश बदरंगा है।
संत वासंती
रंग बिरंगा वेश
बदरंगा है।
नारंगी रोल
मन वचन तोल
सच न बोल।
प्लास्टिक है ये
असली अहसास
नकली जैसे।
ख़ान पान में
जीवन एहसास
कैसा विकास।
दिव्य विचार
उसने समझा तो
समझ आया।
-डॉ.लाल रत्नाकर
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें