पेज
मुखपृष्ठ
परिचय
दीर्घा
प्रकाशन
बुधवार, 18 जून 2025
सबका साथ उनका विनाश है जो जो साथ हैं !
सबका साथ
उनका विनाश है
जो जो साथ हैं !
यदि वह हैं
दलित पिछड़े या
अल्पसंख्यक !
किसका साथ
पूंजीपतियों का या
आमआदमी !
आत्मनिर्भर
नाली की गैस जला
चाय बेचते !
प्रतीक कैसा
अंधविश्वास का या
चमत्कार का !
-रत्नाकर
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें