कौन है हिंदू है कौन मुसलमान इंशा कौन है!
पेज
मुखपृष्ठ
परिचय
दीर्घा
प्रकाशन
रविवार, 9 नवंबर 2014
उनके लिए
उनका आना
खुशियों से भरना
घर आँगन
श्रृंगार रूपी
लताओं की तरह
फैलते जाना
गुपचुप रहना
अपनापन सहना
हृदयांगी का
समग्रता की
चाहना को रखना
उनका गुण
इसे कहते
अपनापन मेरा
उनके लिए
@ डा लाल रत्नाकर
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें