शनिवार, 25 जून 2011

सब्र इतना

डॉ.लाल रत्नाकर 

न जाने कब 
आएगा वह दिन 
भरेगा पेट .

उद्यमियों का     
कारोबार चलेगा 
तिकड़म से 

यह मत लें 
वह मत लें नहीं 
उत्पाद कैसे  

होगा साथियों 
सब्र फैक्ट्रियां भला 
कैसे करेंगी 

क्योंकि आदमी 
को सब्र नहीं होता 
जो मशीनें हैं 

उन्हें कैसे हो 
भला इस दौर में
सब्र इतना 

शनिवार, 18 जून 2011

प्रसव को ही होने नहीं देते हैं

डॉ.लाल रत्नाकर 

आदमी और 
आदमी की खुशबू 
किसको पता 

स्वार्थ उनका 
और अपनों का भी 
मूल्य कितना 

मूल्य उनका 
लगाओ और और 
पुत्र हुआ है 

बेटी का जन्म 
शोक क्यों न हो जाये 
दहेज़ लोभी 

जन्म बेटे का 
बरदान जैसा  है 
इस देश में 

लड़की न हो 
कभी नहीं चाहता 
दहेज़ बंदी 

आंकड़े कहाँ 
एकत्रित करोगे 
सही सही ओ 

हरियाणा में 
कम हैं लड़कियाँ 
हैं गर्भ में ही ..

प्रसव को ही 
होने नहीं देते हैं 
जो चालाक हैं









सोमवार, 24 जनवरी 2011

रविवार, 23 जनवरी 2011

अपराधों की गठरी बांधे !



डॉ.लाल रत्नाकर

आज हमारे
और तुम्हारे पास
कौन कौन हैं !

कल जो थे ओ
कहाँ गए उनका

अता पता है !

पता बताना
मुमकिन था
नहीं बताया  !

मालूम है क्या
क्या क्या उसको
कौन बताये !

वह तो मूक
बना बैठा है पर
कौन जगाये !

अपराधों की
गठरी बांधे बैठा
बैठक बांधे !