ये देश मेरा
उनका या सबका
मुर्दे का नहीं.
जरुरत है
अधिकारों को जानो
हड़पो मत .
हड़पने की
आदत ने किया है
सत्यानाश ही.
पर जाहिल
को जहालियत से
बचाए कौन.
निराशा से न
बनती है हमारी
सेहत कभी .
सेहत बनी
उत्साह की उम्मीद
के ही चलते .
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इस तरह सताया है, परेशान किया है
गोया कि मुहब्बत नहीं एहसान किया है .
- अफजल फिरदौस
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हमको तो गर्दिश-ए-हालात पे रोना आया
रोने वाले तुझे किस बात पे रोना आया
- सैफुद्दीन सैफ
रोने वाले तुझे किस बात पे रोना आया
- सैफुद्दीन सैफ