शनिवार, 18 जून 2011

प्रसव को ही होने नहीं देते हैं

डॉ.लाल रत्नाकर 

आदमी और 
आदमी की खुशबू 
किसको पता 

स्वार्थ उनका 
और अपनों का भी 
मूल्य कितना 

मूल्य उनका 
लगाओ और और 
पुत्र हुआ है 

बेटी का जन्म 
शोक क्यों न हो जाये 
दहेज़ लोभी 

जन्म बेटे का 
बरदान जैसा  है 
इस देश में 

लड़की न हो 
कभी नहीं चाहता 
दहेज़ बंदी 

आंकड़े कहाँ 
एकत्रित करोगे 
सही सही ओ 

हरियाणा में 
कम हैं लड़कियाँ 
हैं गर्भ में ही ..

प्रसव को ही 
होने नहीं देते हैं 
जो चालाक हैं









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