बुधवार, 25 जून 2025
बुधवार, 18 जून 2025
जज साहब सुनो बोल रहे हैं सच या झूठ !
मामला घूस
अन्याय या न्याय का
किसको पता !
अन्याय या न्याय का
किसको पता !
आज कल का
अजीबो गरीब है
हाल या चाल !
वकीलों बता
ये न्याय का व्यापार
अब कैसा है !
तब कैसा था
न्याय की उम्मीद
आमजन को !
-रत्नाकर
सोमवार, 16 जून 2025
वह लड़की साहसी और तेज़ समझदार !
वह लड़की
साहसी और तेज़
साहसी और तेज़
समझदार !
अभी वह है
उधेड़बुन फसी
भविष्य कहाँ !
ढूढ़ रही है
उज्जवल भविष्य
प्रगति मार्ग !
लेकिन कहाँ
सहज है भविष्य
इस समय !
जातिवाद का
वर्ण वर्ग धर्म का
हथियार हो !
रविवार, 15 जून 2025
दुनिया भर अपमान सहना आसान नहीं।
क्या लाया लाला
किसका सिंदूर यहां
विधवाओं को।
तुम्हें बताएं
तेरा सच सच है
कौन बताए।
तुमने रचा
हत्या कर कराके
चुनाव हेतु।
अभियान से
तो एसा ही लगता
सबने जाना।
समय साथ आस पास जिसके गुजारता हो।
वह करीब
कितना गरीब है
पता चलता।
नसीब मेरा
करीब उसके था
यदि जानता।
समय मिला
तब कर गुजरा
काम तमाम।
बहुत दूर
निकल जाना जब
करीब आना।
-रत्नाकर
शनिवार, 14 जून 2025
समय बोल सच सच के बोल निडर बन।
समय बोल
सच सच के बोल
निडर बन।
सच सच के बोल
निडर बन।
खड़ा रहता
सूखा हुआ वृक्ष भी
आंधियों तक।
डगमग में
हंसी होगी जग में
संभलकर।
उड़ाना मत
अपनी ताकत को
चमत्कार में।
अंधविश्वास
पाखंड मत कर
डरकर भी।
-डॉ लाल रत्नाकर
समय साथ आस पास जिसके गुजारता हो।
समय साथ
आस पास जिसके
गुजारता हो।
आस पास जिसके
गुजारता हो।
वह करीब
कितना गरीब है
पता चलता।
नसीब मेरा
करीब उसके था
यदि जानता।
समय मिला
तब कर गुजरा
काम तमाम।
बहुत दूर
निकल जाना जब
करीब आना।
-रत्नाकर
कोई भक्त हो समझ में आता है धूर्त नहीं हो।
संभव नहीं
असंभव काम है
उसको नहीं।
जोड़ गांठ भी
कर सकता वह
अपने हित ।
दुनिया भर
अपयश गठरी
ढोता जाता है।
कभी किसी को
चोर उचक्का बोले
सोने से तोले।
-रत्नाकर
मंगलवार, 10 जून 2025
विरसा मुंडा नमन आपको सदा संघर्ष मूर्ति ।
जागो जागो वे
सोए हुए वंशज
संघर्ष करो।
वह साहस
कैसे मर गया है
भीतर तेरे।
यह दिन है
यादगार का ताज
उसे पहनो।
समय नहीं
होता कोई संघर्ष
आरंभ करो।
-विनम्र श्रद्धांजलि, सादर नमन
- डॉ लाल रत्नाकर
भामाशाह है तानाशाह तो नहीं तानाशाह है।
भामाशाह है
तानाशाह तो नहीं
तानाशाह है।
कौन कहता
अब ऐसा नहीं है
मानो न मानो।
तानाशाह है
तानाशाही करेगा
डरेगा लोक।
तुम डरोगे
कौन कह रहा है
तानाशाह से।
मरोगे तुम
संविधान मारेगा
तानाशाह को।
-डॉ लाल रत्नाकर
शुक्रवार, 6 जून 2025
इबादत है तमाम संघर्ष के कद्रदानों से।
इबादत है
तमाम संघर्ष के
कद्रदानों से।
तमाम संघर्ष के
कद्रदानों से।
नसीहत है
सांप की तरह जो
आस्तीन धरे।
बुद्धिमानों की
मंडली में हाजिरी
जरूरी नहीं।
मजबूरी हो
जरूरी नहीं दोस्ती
दोस्ती के मध्य।
दुश्मनी ना हो
यह अच्छी बात है
कितना बुरा।
-डॉ लाल रत्नाकर
मजमून भी तुम्हारा ही था अब उतर गया।
मजमून भी
तुम्हारा ही था अब
उतर गया।
तुम्हारा ही था अब
उतर गया।
सवाल जो थे
जवाब उनका है
उनके पास।
मानो ना मानो
जानो तुम्हारी मर्जी
कर दिया है।
जो करना था
उसके हिसाब से
वो नहीं किया।
तोड़ मरोड़
मेरा स्वभाव जानो
जिद ना कर।
डॉ लाल रत्नाकर
गुरुवार, 5 जून 2025
संघी, कांग्रेसी सपा, बसपा, जद सबका साथ।
कम्युनिस्टों की
संघ में है क्या ठाट
गिरोह सब।
निरपेक्षता
इनके लिए नहीं
है उपदेश।
गठजोड़ का
काम निकालना है
जो अभिप्राय ।
धन दौलत
आती रहे हो जाये
अन्याय भले।
- डॉ लाल रत्नाकर
गुरुवार, 29 मई 2025
नफरत से सराबोर है वह खरीद पर।
पता नहीं है
न उनको न उन्हें
जो बिक गए।
सवाल मेरा
जिन्हें अच्छा लगता
जवाब नहीं।
उनके पास
जो विचार हैं वह
किसके लिए।
कौन बताए
हालात अपना ही
जब उसका।
डॉ लाल रत्नाकर
रंग बाजार कैसा व्यवहार है आज सवाल।
रंग बाजार
कैसा व्यवहार है
आज सवाल।
कैसा व्यवहार है
आज सवाल।
कैसा कमाल
सिंदूर का सवाल
कहां से आया।
आतंकी कहां
कौन कौन आया था
किसको पता।
व्यावसायिक
कारोबार किसका
किसके लिए।
रोजगार का
जुमला बेच रहा
लाशों के तले।
-डॉ लाल रत्नाकर
बुधवार, 28 मई 2025
1. ये देश मेरा , 2.संविधान को , 3.प्रगति का हो
ये देश मेरा
सपनों से प्यारा है
देश अपना।
सपनों से प्यारा है
देश अपना।
हिंदू मुस्लिम
सिख इसाई बौद्ध
है भाई भाई।
पाखंडियों की
धूर्त फौज कहां से
मन को भाई।
तू चली कहां
अपने यार गली
खुशी से चली।
छोड़ यहां का
भरम भाव सब
अपना मन।
देश चलाता
जुमले भी सुनाता
बहकाता है।
बाबा साहब
इनको जानते थे
तभी उन्होंने।
संविधान में
दी है व्यवस्था सारी
चालाकी पर।
नहीं मानती
बहुजन जनता
संविधान को।
-डॉ लाल रत्नाकर
3.
प्रगति का हो
प्रतिमान उनका
मनोरंजन।
व्यक्ति कितना
ही भला हो सकता
पहले जान।
भगवान भी
मिल जाए तुमको
यदि कहीं पे।
लो परीक्षण
संतवत संज्ञान
जान उनका।
मनका ना हो
विचलन कहीं से
सच जान लो।
-डॉ लाल रत्नाकर
.
मंगलवार, 27 मई 2025
तुम्हें भी पकड़ेंगे
समय कैसा
अंधाधुंध अंधेरा
नजर आया।
जिन्हें नजारे
दिखाई दे रहे हैं
बरबादी में।
जनगणना
अनुपात उसका
किसको पता।
गिनती होगी
क्या ईमानदारी से
बताओ जरा!
-डा.लाल रत्नाकर
.
शुद्ध सिंदूर
जगह नहीं
बची कहीं इज्जत
है क्या अपनी।
ऐसा कहना
कितना है जायज
इस दौर में।
यह मुद्दा है
कितना जायज या
नाजायज तो।
अब करना
बकवास विषय
निकल गया।
-डॉ लाल रत्नाकर
.
गुरुवार, 8 मई 2025
अब हो गया। आंखें फोड़कर जो समाज अंधा।
अब हो गया
आंखें फोड़कर जो
समाज अंधा।
आंखें फोड़कर जो
समाज अंधा।
वो कल तक
निगहबां होता था
हिफाजत का।
क्रूर ठगों ने
घेरकर हौसला
जिसका तोड़ा।
भरोसा किया
जिसका धोखाधड़ी
कर के ठगा।
सच या सत्य
जीत कर ठगी से
कहां जीता है ।
- डॉ लाल रत्नाकर
बुधवार, 7 मई 2025
बंद कराओ अपराध यहाँ पे कुछ कहना !
कुछ कहना !
चुप रहना
जब आज यहाँ पे
सच कहना !
अपराध यहाँ
तब वह सब है
भाये उसको !
मौत जंग की
पहली ही शर्त है
जीत सको तो !
हार हार है
देश की सुरक्षा में
हारता कौन !
-रत्नाकर
हमला कर क्या यह मैसेज है जनमत का।
जनमत को
सहमत करना
चाल रही है।
हत्या करना
नहीं भरोसा अब
सत्ताधीशों का।
आम आदमी
खुश हो ही जाएगा
देशभक्ति पे।
नहीं पता है
हत्या किसकी होगी
चाल रही है।
-रत्नाकर
सोमवार, 5 मई 2025
फूले महात्मा ऐसे ही नहीं हुए सत्य के साथ।
फूले महात्मा
ऐसे ही नहीं हुए
सत्य के साथ।
ऐसे ही नहीं हुए
सत्य के साथ।
आज जरूरी
उतनी ही उनकी
विचारधारा!
नफरत के
इस दौर में वह
जरूरत है।
पाखंड और
अंधविश्वास हमें
हमारी पीढ़ी!
सत्य शोधक
बचा लेगा भीड़ को
भाग रही जो।
डॉ लाल रत्नाकर
गुरुवार, 24 अप्रैल 2025
दंगा कराना नफ़रत भरना जिसका काम !
नफ़रत भरना
जिसका काम !
जिसका काम !
करता राम
काटता जेब धर्म
बता कर जो !
काटता जेब धर्म
बता कर जो !
अधर्म यंत्र
ही है जीवन मंत्र
हजारो साल !
खाता है मुफ्त
भूखों भक्तों से सदा
खता किसकी !
ज़रा समझो
तब दशा अपनी
अब समझो !
डॉ. लाल रत्नाकर
सवाल कैसा किससे करना है पहले जानो !
सवाल कैसा
किससे करना है
पहले जानो !
किससे करना है
पहले जानो !
बवाल कैसा
किससे करना है
पहले कहाँ !
सुधारने को
उनको जो बिगणा
अपने आप !
जिसका बाप
बन गया है भक्त
पहले उन्हें !
समय साथ
लगाओ अब हाथ
उनको आप !
डॉ. लाल रत्नाकर
संविधान को धता बताकर वो मनुवाद से।
देश चलाता
जुमले भी सुनाता
बहकाता है।
बाबा साहब
इनको जानते थे
तभी उन्होंने।
संविधान में
दी है व्यवस्था सारी
चालाकी पर।
नहीं मानती
बहुजन जनता
संविधान को।
-डॉ लाल रत्नाकर
बुधवार, 16 अप्रैल 2025
गुलामी जानो बहुजनों दलितों प्रतिनिधियों।
गुलामी जानो
बहुजनों दलितों
प्रतिनिधियों।
बाबा साहब
अधिकार दे गए
हक के लिए।
हक कहां है
कभी विचार किया
मनुवाद में।
संविधान के
साथ हो या खिलाफ
मनुस्मृति के।
बुद्ध कबीर
जगा गये है तुम्हें
फिर सो गए।
नफरत में
उनके घूम रहे
संघर्ष किया।
डॉ लाल रत्नाकर
प्रतिनिधियों।
बाबा साहब
अधिकार दे गए
हक के लिए।
हक कहां है
कभी विचार किया
मनुवाद में।
संविधान के
साथ हो या खिलाफ
मनुस्मृति के।
बुद्ध कबीर
जगा गये है तुम्हें
फिर सो गए।
नफरत में
उनके घूम रहे
संघर्ष किया।
डॉ लाल रत्नाकर
मंगलवार, 8 अप्रैल 2025
गुंडा युक्त है सत्ता दल महल विपक्षी दल ।
गुंडा युक्त है
सत्ता दल महल
विपक्षी दल ।
सत्ता दल महल
विपक्षी दल ।
बना रहा है
वह रेत महल
किसके लिए।
कर विचार
आज ही समाज की
गति क्या है?
दोगला रूप
राजा का जहां जहां
समाज कैसा।
देख जरा तू
वर्तमान का रूप
कैसी है धूप।
डॉ लाल रत्नाकर
आम आदमी आदमी से अलग खास कैसे हो।
आम आदमी
आदमी से अलग
खास कैसे हो।
आदमी से अलग
खास कैसे हो।
कोई उपाय
हो तो बताइए जरा
सुलभ हो तो।
नहीं जानता
किस खास आदमी
की तलाश है।
जो दगाबाज
निकम्मा उचक्का हो
मिला दीजिए।
खुश होएगा
अपने जैसा पाकर
वह इंसान।
डॉ लाल रत्नाकर
रविवार, 6 अप्रैल 2025
तेरी नियत पता तो है सबको कितनी साफ़ !
अब तक है
सबकी नज़रों में
जग जाहिर !
कहते हो क्या
करते रहो हो क्या
सब जानते !
किसको बना
बेवकूफ रहे हो
हम सबको !
सब पता है
तुम्हारी नियत से
हमारे हाल !
- डॉ लाल रत्नाकर
शनिवार, 5 अप्रैल 2025
धर्म हमारा तुम्हारे बाप का है बाप से पूछो
धर्म हमारा
तुम्हारे बाप का है
बाप से पूछो !
तुम्हारे बाप का है
बाप से पूछो !
जाती हमारी
हमारे बाप की है
तुम्हारा बाप !
श्रम हमारा
तुम्हारा कैसे क्या है
हड़पा हुआ !
हमारा हिस्सा
तुम्हारा कैसे होगा
क्या बताओगे !
क्या छुपाओगे
कभी तो निकलेगा
हक़ हमारा !
डॉ लाल रत्नाकर
गुरुवार, 3 अप्रैल 2025
वह सुबह कब आएगी बता पता उसका।
वह सुबह
कब आएगी बता
पता उसका।
जब अमन
पहुंचेगा बस्ती में
भारतीयों के।
हर जाति के
हर धर्म के घर
सत्य संदेश।
बताये कौन
बुरी खबर वह
कब लाएगा।
काली रात की
सियाह तसबीर
हटा पाएगा !
-डॉ लाल रत्नाकर
"आमतौर पर आज की व्यवस्था में जिस तरह के लोग आ गए हैं वह निश्चित रूप से हमेशा स्वभाव से गुंडा आचरण रखने वाले लोग हैं। उनसे आप किस तरह के आचरण की उम्मीद करते हैं यह विचारणीय है।
व्यवस्था के मामले में जिस तरह के लोग आगे आए हैं वह निश्चित रूप से अव्यवस्थित लोग हैं।
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सोमवार, 31 मार्च 2025
सीबीआई है, ईडी और आईटी, लेकर आई।
अफसर हैं
क्या भाजपा ले आई
देखें जनता।
इण्डिया संघ
गठबंधन लेकर
लड़ना होगा।
किससे वह
खड़ा रहेगा वह
अबकी बार।
किसकी पारी
कितनी भारतीय
या है धार्मिक।
-डॉ लाल रत्नाकर
रविवार, 23 मार्च 2025
शहीदी यादें मुश्किल हो जाती हैं दुश्मन घुसा।
प्रेरणादायी
जिनका जीवन है
हमारे लिए।
याद उनकी
मत दिला कभी भी
ठगी उसकी।
नहीं समझा
गौरव खोता गया
अहंकार में।
भक्त हैं यहां
कर रहे हैं वह
शंखनाद ही।
(2)
वर्तमान में
निवर्तमान वह
मौके मौके पे।
तन की बात
किसकी करता है
रोज रोज ही।
धर पकड़
करता कराता है
सच कहता।
जो नहीं भाता
जब साथ आ जाता
खूब भाता है।
अयोग्यता पे
खूब हंसता वह
अपनी छोड़।
डॉ लाल रत्नाकर
प्रगति का हो प्रतिमान उनका मनोरंजन।
व्यक्ति कितना
ही भला हो सकता
पहले जान।
भगवान भी
मिल जाए तुमको
यदि कहीं पे।
लो परीक्षण
संतवत संज्ञान
जान उनका।
मनका ना हो
विचलन कहीं से
सच जान लो।
-डॉ लाल रत्नाकर
गुरुवार, 20 मार्च 2025
अनवरत जो जहरीला पदार्थ बनाता जाता।
जमीन जल
माटी ताप गगन
अभिमान से।
सम्मान बेचा
जमीर जमीन भी
मान इमान।
नहीं भरोसा
उनके प्रति कोई
किसी को नहीं।
नाता मुझसे
उसका कहना है
बेईमान हो।
-डॉ लाल रत्नाकर
अस्पताल में रोगियों की भीड़ है डाक्टर कहां।
बिमार कौन
कौन कौन स्वस्थ्य
संख्या कितनी।
कोई आंकड़ा
नहीं मिलता रोगी
कौन बताए।
यह सवाल
जुबां जुबां पर है
जवाब नहीं।
सबका साथ
सबका स्वास्थ्य कहां
दिखाई दिया।
डॉ लाल रत्नाकर
दिवानगी है अगर दिल में ही मोहब्बत है।
चलो निकलो
सितम सहकर
खिलाफत में।
दुश्मन देश
आ गया भीतर ही
उनके लिए।
जिसको माना
भगवान लाया है
तुम्हारे लिए।
निकलो और
आलस्य त्यागकर
देश बचाने।
डॉ लाल रत्नाकर
समय काल कलुषित विचार आया है कैसे।
ट्रंप मोदी का
गांव गांव में छाया
आतंक कैसै।
है निदान जो
उनका कौन करे
उपचार से।
अगुवाई में
जिनके बदलाव
समाजवादी।
कहां मिलेंगे
सुविधाएं ले लेंगे
अपनों तक।
-डॉ लाल रत्नाकर
बुधवार, 19 मार्च 2025
शनिवार, 15 मार्च 2025
सपना देखा
सफ़र में था
कई तरह के साथ
मिला था रात।
वह परायी
बहुत करीब थी
अपनों से भी।
ऐसे लोग हैं
जो सपने में होते
वह कहां है।
यही धरा पे
बेचते सपनों को
राजा बनके।
- डॉ लाल रत्नाकर
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